सीधी। जिले के आदिवासी अंचल कुसमी में लगातार आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध रहती है। जहां उनके विकास के लिए नए-नए प्रयोग भी करती रहती है वहीं कन्या छात्रावास के भवन का निर्माण हो रहा है। जिसमें घटिया किस्म के पदार्थ का उपयोग किया जा रहा है जिसकी जांच करने के लिए शिकायत की गई है लेकिन फिर भी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।
दरअसल यह पूरा मामला कन्या छात्रावास के भवन का है जिसमें घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है और मानक के हिसाब से लोहा भी नहीं लगाया जा रहा है। इस भवन के बनने के लिए 2 करोड रुपए की राशि मंजूर की गई थी।जिसमे ठेकेदार ने नीव से ही उस पर लापरवाही का धब्बा लगा दिया है। प्लिन्थ बिल्कुल ही कमजोर कर दिया गया है और वह सड़क से भी नीचे दिखाई दे रहा है। अगर भविष्य में कभी बिल्डिगं का बाउण्डी बनाकर सड़क लीवल तक समतलीकरण किया जाता है तो यह छात्रावास बिल्कुल ही नीचे चला जाएगा और इस पर जल भराव की समस्या उत्पन्न हो जाएगी।और फिर समस्याये यहा बनी रहेगी,जबकि स्थल निरीक्षण के बाद यह स्टीमेट तैयार किया जाता तो जूरी कुसमी मेन रोड की ऊचाई को ध्यान रखते हुये भवन बनाया जाता तो बेहतर बना होता,वही ग्रामीणो का भी कहना है कि रोड के लेवल को ध्यान नही दिया गया पटाई का पैसा बचाने के चक्कर मे नीव कमजोर और कम कर दी गई है।
इंजीनियर और ठेकेदार दोनों की मिली भगत से यह कार्य हो रहा है जहां लोगों ने उनसे शिकायत भी की लेकिन इंजीनियर ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि हम ग्रामीणों की उपस्थिति में जांच करवाएंगे लेकिन अभी तक कोई भी जांच के नाम से अभी अधिकारी नहीं आया है।
मिली जानकारी के अनुसार इस बिल्डिंग में घटिया किस्म के ईट का उपयोग हो रहा है जिसकी वजह से पूरी की पूरी बिल्डिंग ही खराब है। इस बिल्डिंग के निर्माण के लिए पीआईयू में अपनी स्वीकृति दी है और इसमें दो करोड़ का कन्या छात्रावास का भवन बनकर तैयार हो रहा है। बात करें सूचना बोर्ड की तो सूचना बोर्ड भी यहां नहीं लगाया गया है जिसकी वजह से लोगों को यह पता ही नहीं चल पा रहा है कि आखिर यह काम क्या चल रहा है और किस प्रकार का काम होने वाला है साथ ही इंजीनियर और ठेकेदार का नाम तक लोगों को मालूम नहीं है।
इनका कहना है -
कन्या छात्रावास भवन में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है मानक के हिसाब से लोहा नहीं लगाया जा रहा है और इस 2करोड के भवन को मेन जूरी कुसमी रोड जो मेन रोड है उस सड़क से काफी नीचे बना दिया गया है,भविष्य में जब कभी भवन मे समतलीकरण होगा तो भवन काफी नीचे चला जाएगा और पानी का भराव बिल्डिंग के पास रहेगा,वही इंजीनियर को पूर्व मे स्थल देखकर स्टीमेट बनाना चहिये तब काम करना चाहिए,पूरे मामले पर जाच ग्रामीणो की उपस्थिति मे अधिकारी करे इसकी मांग की गई है।
--- ऋषिकेश चतुर्वेदी
-- ग्राम देवार्थ नौढिया
पीआईयू के इंजीनियर और अधिकारियो के कहने पर ही हम मेन सडक के लेवल पर लेकर यह भवन नही बना रहे है यदि वो लोग बोलते तो सडक लेबल पर बिल्डिगं की प्लीन्थ बना देते हमे और पैसे मिल जाते पर किसी ने कुछ नही कहा तो जैसा बन रहा है हम बना रहे है।
-- सभाजीत सिहं ठेकेदार