ऊर्जाधानी सिंगरौली में एक ऐसा विद्यालय है जहां छात्र जर्जर भवन में पढ़ने के लिए हैं मजबूर

ऊर्जाधानी सिंगरौली में एक ऐसा विद्यालय है जहां छात्र जर्जर भवन में पढ़ने के लिए हैं मजबूर

सिंगरौली। समूचे देश में ऊर्जाधानी के नाम से विख्यात सिंगरौली, उतार चढ़ाव के कई सोपान देख चुका है। लेकिन देश की भविष्य का जहां नींव के पत्थर गढ़े जाते हैं वह स्थान भी सुरक्षित नहीं है। बात हो रही है सिंगरौली जिला मुख्यालय से चंद ही कदम दूर विधानसभा क्षेत्र देवसर के अन्तर्गत वैढ़न-बरगवां रोड में स्थित शासकीय प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक विद्यालय परसौना की। विद्यालय में लगभग 400 छात्र अध्ययनरत हैं। विद्यालय का भवन जर्जर एवं खण्डहर का स्वरूप ले चुका है। बरसात में विद्यालय की छत पूरी तरह से टपकती है। शिक्षक एवं छात्रों को भवन की छत गिरने का डर हमेशा सताए रहता है। विकास के कई बड़े बड़े दावे किए जाते हैं। लेकिन जहां देश का भविष्य गढ़ा जाता है, सुधारा एवं संवारा जाता है ना तो वह स्थान सुरक्षित है और न ही देश का भविष्य सुरक्षित है। कई बार विद्यालय भवन की स्थिति एवं परिस्थिति से शासन प्रशासन को विद्यालय एवं अभिभावकों द्वारा अवगत कराया गया। किन्तु कोई परिणाम नहीं निकला। परसौना में ही निवासरत भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिलाध्यक्ष कमलेश बैस से बात की गई तो उन्होंने बताया कि देवसर विधानसभा क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक माननीय राजेन्द्र मेश्राम जी के संज्ञान में विद्यालय के जर्जर भवन‌ की स्थिति से अवगत कराया गया है। माननीय विधायक जी ने कलेक्टर महोदय से बात कर अतिशीघ्र समस्या की समाधान करने का आश्वासन दिया है।

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