सीधी। जिले के अमिलिया थानान्तर्गत आदिवासी युवक की पिटाई के मामले में एक दिलचस्प व नया मोड़ आ गया है। बहुजन समाज पार्टी की उपाध्यक्ष एवं आदिवासी नेत्री रानी वर्मा ने पूरे मामले को लेकर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि उनके साथ राजनैतिक षडयंत्र रचा जा रहा है। जब उक्त आदिवासी युवक के साथ मारपीट की गई थी तब वह युवक कहां था आखिर घटना के 6 दिन बाद सामने क्यों आया वहीं इसके साथ मारपीट थाने में हुई या अनयत्र यह उच्च स्तरीय जांच का विषय है। इनके इस बयान के बाद पूरे मामले में सवाल खड़े हो गए है। बता दें कि विगत दिनो पुलिस अधीक्षक को आवेदन देते हुए कन्हैयालाल वर्मा ने अमिलिया थाने में पदस्थ एक एसआई एवं अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट का आरोप लगाया था जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एसआई सहित अन्य पुलिसकर्मियों को लाईन अटैच करते हुए पूरे मामले की जांच एसडीओपी चुरहट को सौंप दी गई है। पूरे मामले को लेकर जब मामला तूल पकड़ने लगा और अमिलिया क्षेत्र की आदिवासी नेत्री रानी वर्मा का नाम सामने आने लगा कि इनके द्वारा पुलिस से कन्हैयालाल की पिटाई करवाई गई है तब उनके द्वारा मीडिया के समक्ष आकर पूरी कहानी बताई गई है। श्रीमती रानी वर्मा द्वारा बताया गया कि रक्षाबंधन के दिन उनके बेटे को कुछ लोगों द्वारा बाइक में बैठाकर ले जाया थे गया था जब वह रात को घर नहीं आया तब अपने बेटे को ढूंढने रात लगभग 12 बजे कोदौरा तरफ अपनी स्कूटी से गई हुई थी वहां आदिवासी समाज के ही कई युवक शराब के नशे में धुत होकर एक दूसरे के ऊपर शराब डाल रहे , पंचायत भवन के पास जोर जोर से डीजे बजा रहे थे। तब मेरे द्वारा मना किया गया तो वहां मौजूद लोगों ने मेरे साथ ही अभद्रता करना शुरू कर दिया। जिससे मैं असुरक्षित महशूस करने लगी तब वहां से डायल-100 पुलिस को सूचना दी और जब पुलिस वहां पर पहुंची पूरा घटनाक्रम बताने के बाद मैं वापस लौट आई उसके बाद क्या हुआ हमको नही पता चल सका।
सीधी। जिले के अमिलिया थानान्तर्गत आदिवासी युवक की पिटाई के मामले में एक दिलचस्प व नया मोड़ आ गया है। बहुजन समाज पार्टी की उपाध्यक्ष एवं आदिवासी नेत्री रानी वर्मा ने पूरे मामले को लेकर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि उनके साथ राजनैतिक षडयंत्र रचा जा रहा है। जब उक्त आदिवासी युवक के साथ मारपीट की गई थी तब वह युवक कहां था आखिर घटना के 6 दिन बाद सामने क्यों आया वहीं इसके साथ मारपीट थाने में हुई या अनयत्र यह उच्च स्तरीय जांच का विषय है। इनके इस बयान के बाद पूरे मामले में सवाल खड़े हो गए है। बता दें कि विगत दिनो पुलिस अधीक्षक को आवेदन देते हुए कन्हैयालाल वर्मा ने अमिलिया थाने में पदस्थ एक एसआई एवं अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट का आरोप लगाया था जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एसआई सहित अन्य पुलिसकर्मियों को लाईन अटैच करते हुए पूरे मामले की जांच एसडीओपी चुरहट को सौंप दी गई है। पूरे मामले को लेकर जब मामला तूल पकड़ने लगा और अमिलिया क्षेत्र की आदिवासी नेत्री रानी वर्मा का नाम सामने आने लगा कि इनके द्वारा पुलिस से कन्हैयालाल की पिटाई करवाई गई है तब उनके द्वारा मीडिया के समक्ष आकर पूरी कहानी बताई गई है। श्रीमती रानी वर्मा द्वारा बताया गया कि रक्षाबंधन के दिन उनके बेटे को कुछ लोगों द्वारा बाइक में बैठाकर ले जाया थे गया था जब वह रात को घर नहीं आया तब अपने बेटे को ढूंढने रात लगभग 12 बजे कोदौरा तरफ अपनी स्कूटी से गई हुई थी वहां आदिवासी समाज के ही कई युवक शराब के नशे में धुत होकर एक दूसरे के ऊपर शराब डाल रहे , पंचायत भवन के पास जोर जोर से डीजे बजा रहे थे। तब मेरे द्वारा मना किया गया तो वहां मौजूद लोगों ने मेरे साथ ही अभद्रता करना शुरू कर दिया। जिससे मैं असुरक्षित महशूस करने लगी तब वहां से डायल-100 पुलिस को सूचना दी और जब पुलिस वहां पर पहुंची पूरा घटनाक्रम बताने के बाद मैं वापस लौट आई उसके बाद क्या हुआ हमको नही पता चल सका।
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